The Poetic Meanders

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The Teesta River - captured by Parth Adhikari

Sunday 31 December 2017

तसल्ली

तसल्ली 


कभी उन जल्दबाज़ी के जज़्बातों
पे तसल्ली से सोचूँगा
तो शायद मेरी गलतियों की गठरी में
वो सब दिन जोड़ लूंगा 
जो बस तेरे साथ रहने में गुज़र गए।

पर कभी उस धीमें से चढ़ते-बढ़ते इश्क़
पे उस तसल्ली से गौर करूँगा 
तो शायद वो इश्क़ इश्क़ ही नही रहेगा
और ना मैं मैंं रहूंगा -
सांस तो रहेगी पर साथ के वो दिन नही रहेंगे।